वर्तमान में हम एंटिटी अप्रेजल एवं प्रोजेक्ट अप्रेजल आधार पर राज्य विद्युत संस्थाओं (एसपीयू) को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहें हैं । एंटिटी अप्रेजल के भाग के रूप में, हम एसपीयू को चार श्रेणियों में वर्गीकृत करते हैं जैसे श्रेणी ए +, ए, बी और सी ।यह वर्गीकरण,संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई सूचना,सार्वजनिक डोमेन और पीएफसी के स्वयं के डाटा बेस में उपलब्धजानकारी पर आधारित होता है । वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए,मापदंड मोटेतौरपर बाह्य और आंतरिक कारकों के रूप में पहचाने जाते है ।इन मापदंडों के अंतर्गत वित्तीय और परिचालन दक्षता, राज्य विद्युत क्षेत्र में सरकार के सुधार कार्यक्रम को लागू करने में की गई प्रगति और नियामक ढांचे (जैसे एसईआरसी में टैरिफ याचिकाओं दाखिल करना, टैरिफ निर्धारण आदि) में की गई गतिविधियां आदि शामिल होती हैं । राज्य विद्युत क्षेत्र के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप गठित की गई नई परवर्ती एसपीयू परवर्ती एंटिटी वाणिज्यिक प्रचालनों के शुरू होने से 30 महीनों तक या जब तक इसके एक वर्ष के वार्षिक लेखा उपलब्ध होते है तब तक, जो भी पहले हो, मूल एंटिटी से प्राप्त स्कोर को बनाए रखती हैं । नई परियोजना के निर्माण के लिए गठित के गए राज्य स्वामित्व वाले स्पेशल परपज वाइकलों को उनके स्वामित्व पैटर्न को ध्यान में रखते हुए वर्गीकृत किया गया है जिनकी परियोजना के एक वर्ष पूरा होने के बाद या परियोजना सीओडी के 18 महीनों के बाद वार्षिक लेखाओं की उपलब्धता,जो भी पहले हो,के पश्चात समीक्षा की जाएगी । इनश्रेणियों का उपयोग क्रेडिट एक्सपोजर लिमिट, सुरक्षा अपेक्षाओं एवं एसपीयू को दिये गए ऋण के मूल्य को निर्धारित करने में होता है।
इन श्रेणियों का उपयोग क्रेडिट एक्सपोजर सीमाएं, सुरक्षा आवश्यकताओं और एसपीयू को दिए गए ऋणों की कीमत निर्धारित करने के लिए किया जाता है। '